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Bulandshahr

औरंगाबाद नगर पंचायत के दो तिहाई सभासद खो चुके थे जनता का विश्वास

सिर्फ एक तिहाई सभासद ही खरे उतर सके जनता की कसौटी पर, पंद्रह में से पांच पुराने दस नये बने वार्ड सभासद

औरंगाबाद (बुलंदशहर ) वार्ड सभासद का पद राजनीति में हालांकि कोई खास विशेष स्थान नहीं रखता लेकिन जनता का सबसे अधिक वास्ता वार्ड सभासद से ही पड़ता है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना हो, जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाना हो सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो राशनकार्ड बनवाना हो अथवा किसी भी तरह की सरकारी पैंशन हासिल करनी हो वार्ड सभासद की रिपोर्ट पर ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस नजरिए से देखा जाए तो वार्ड सभासद ही वह व्यक्ति है जिससे आम आदमी का सबसे ज्यादा वास्ता पड़ता है।
औरंगाबाद नगर पंचायत में पंद्रह वार्डों में चुनाव हुआ। पुराने दस सभासद पुनः चुनकर नहीं आ सके। सिर्फ पांच सभासद ही जनता की कसौटी पर खरे उतरते नजर आए जिन्हें जनता ने फिर से चुन कर नगर पंचायत में वापस भेजा। वार्ड दस में यामीन अल्वी लगातार चौथी बार चुनाव जीते हैं। वहीं वार्ड 7 में महेश लोधी की माता भूरी देवी सभासद चुनीं गई थी उसके बाद लगातार तीसरी बार उनके पुत्र महेश लोधी सभासद चुने जाते रहे हैं। वार्ड नौ से रहीसन बेगम ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है जबकि वार्ड 8 में गत चुनाव में सोनी चुनाव जीतीं थी इस बार उनके पति फिरोज ने चुनाव जीता है। जबकि वार्ड 14में गत चुनाव रविन्द्र सैनी ने जीता था इस बार महिला सीट आरक्षित हो जाने पर उनकी पत्नी संतोष सैनी ने चुनाव जीता है।
बाकी सभी वार्डों में जनता ने नये उम्मीदवारों को चुनकर नगर पंचायत भेजा है।
आम आदमी का कहना है कि वार्ड सभासदों ने हर काम में अपनी मनमानी करते हुए जमकर लूट खसोट मचाई यहां तक कि सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने में जमकर कमीशनखोरी की। जिसके चलते वो जनता की नजरों में अपनी अहमियत खो चुके थे और जनता ने उन्हें नकार दिया। जिसके चलते वो चुनाव हार गए।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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