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रणनीति के साथ स्थापित होती शरीयत – दिव्य अग्रवाल

शरीयत का उदेश्य मात्र इस्लामिक व्यवस्था को स्थापित कर अन्य सभी व्यवस्थाओ,धर्म,परम्पराओ आदि को पर्णतः ध्वस्त करना होता है जिसमे काटरपंथी लोग प्रतिदिन सफल भी हो रहे हैं । हिन्दुस्तान जिसकी आत्मा अवं आधार सनातन धर्म है उस धर्म को समाप्त करने के उदेश्य से प्रतिदिन कोई न कोई घटना भारत में की जा रही है । हरियाणा हो या राजस्थान,बंगाल हो या केरल,दिल्ली हो या कर्नाटक जहाँ भी कटटरपंथियो की आबादी बढ़ रही है वहां पर सुनियोजित तरीके से धार्मिक यात्राओं पर प्रहार कर दंगे का रूप दिया जाता है जिस कारण मजबूरी वश कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रसाशन भविष्य में होने वाली सभी शोभा यात्राओं को निरस्त कर अविलम्ब प्रतिबंध लगा देता है।अब आप सोचिये इसका मूल प्रभाव क्या पड़ा , सनातन धर्म की शोभा यात्रा जो अपनी परम्पराओ को समाज में प्रसारित करती है वो निकलना बंद हो जाती है , कटटरपंथियो के भय के कारण मंदिर जाना छूट जाता है उसके पश्चात सनातनी समाज वहां से पलायन करना शुरू कर देता है तत्पश्चात इस्लामिक जनसँख्या पूर्ण रूप से वहां काबिज हो जाती है अर्थात उस क्षेत्र में शरीयत के उदेष्य की पूर्ण प्राप्ति हो जाती है।अतः मजहब के नाम पर इन घटनाओ को देखकर यह बिलकुल कहा जा सकता है की भारत में कटटरपंथियो द्वारा गृह युद्ध आरम्भ किया जा चूका है वो अलग बात है की अन्य समाज पिटकर , मरकर, चुप रहकर स्वयं को सुरक्षित रखने के असफल प्रयास में लगा हुआ है जबकि कटटरपंथी इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु अपनी जनसँख्या , इको सिस्टम , संगठनात्मक शक्ति एवं मजहबी नेटवर्क के दम पर बिना किसी राजनितिक संरक्षण एवं भय के पूरी तन्मयता के साथ प्रयासरत हैं,

दिव्य अग्रवाल लेखक

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