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द्रोण मेला: प्राचीन दादी राणी सती जी की भजन संध्या में हजारों सनातनी बने साक्षी

कस्बे के प्राचीन देवी मंदिर में राणी सती परिवार द्वारा इनका मंदिर बनाया जा चुका है जहां भक्त प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं , यह परिवार प्रतिवर्ष मंदिर पर भंडारे का भी आयोजन करता रहा है

दनकौर: श्री गुरु द्रोणाचार्य मंदिर प्रांगण में 7 सितंबर से चल रहे 100 वां वार्षिक श्री कृष्ण जन्मोत्सव मेला में प्रतिदिन मेला प्रबंधक कमेटी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं इसी क्रम में 15 सितंबर दिन शुक्रवार की रात को श्री द्रोण स्टेडियम

में राणी सती परिवार द्वारा पहली बार दादी राणी सती जी की भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसके हजारों सनातनी प्रेमी इस कार्यक्रम के साक्षी बने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने इस कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया,

कार्यक्रम के आयोजिकों व राणी सती के भक्तों ने ग्लोबल न्यूज24 ×7 के मुख्य संपादक ओमप्रकाश गोयल को जानकारी देते हुए बताया कि सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी।

 रानी सती का वास्तविक नाम नारायणी बताया जाता है। कहानियों के अनुसार एक युद्ध के दौरान नारायणी देवी/रानी सती के पति की मौत हो जाती है जिसके बाद वो भी सती हो जाती है। धीरे-धीरे लोग इन्हें आदि शक्ति का रूप मनाने लगे और रानी सती के रूप में पूजा जाने लगा
यह भारत का सबसे बड़ा मंदिर है, जो एक राजस्थानी महिला रानी सती को समर्पित है, जो 13 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच में रहती थी और अपने पति की मृत्यु पर सती (आत्मदाह) करती थी। राजस्थान और अन्य जगहों पर विभिन्न मंदिर उनकी पूजा और उनके कार्य को मनाने के लिए समर्पित हैं।

इस कार्यक्रम के आयोजन गल्ला व्यापार संघ के अध्यक्ष मुकेश गोयल(आड़ती) ,वरिष्ठ समाजसेवी पवन गोयल (आड़ती),राजकुमार गोयल (राजू)आड़ती ,नरेश गोयल (स्वर्णकार), रोहित गोयल ने इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन कर, कार्यक्रम का शु:प्रारंभ किया इनके साथ श्री द्रोण गौशाला समिति के प्रबंधक रजनीकांत अग्रवाल, उपाध्यक्ष मोहित गर्ग , कोषाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ,संदीप जैन (पूर्व प्रतिनिधि केबिनेट मंत्री ) राजेंद्र सहित कमेटी के सभी लोग मोजूद रहे,

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