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विधानसभा चुनाव 2022

लोकसभा चुनाव 2024, फिर फिर और फिर से डॉ महेश शर्मा-राजेश बैरागी

चर्चा -लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो गया। दरअसल जिस दिन सत्तारूढ़ पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करती है, चुनाव उसी दिन से शुरू होता है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को अपनी पार्टी के लगभग एक तिहाई उम्मीदवारों की सूची पढ़ने में चालीस मिनट लगे। यह समय घटाया जा सकता था । उन्हें केवल उन सीटों के प्रत्याशियों की सूची पढ़नी चाहिए थी जिन्हें किसी का टिकट काट कर टिकट दिया गया है। ऐसे लोगों की संख्या गिनती में है, शेष तो दोहराए या तिहराए गए हैं। यह भाजपा को अपनी सरकार की वापसी के उच्च भरोसे का प्रतीक है। मैं सीधे अपने लोकसभा क्षेत्र गौतमबुद्धनगर पर आता हूं। तमाम आशंकाओं, संभावनाओं और कयासों को निरर्थक साबित करते हुए भाजपा ने यहां से अपने दो बार के सांसद डॉ महेश शर्मा को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित किया है। पिछले दो चुनावों में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करते रहे डॉ महेश शर्मा के यहां गृहमंत्री और पार्टी के टिकट तय करने वाले शीर्ष नेता अमित शाह ने कुछ महीने पहले दोपहर का भोजन किया था। तभी से राजनीतिक पंडित उनके टिकट को पक्का मानकर चल रहे थे। परंतु हमेशा की भांति कुछ और टिकटार्थी भी अपनी प्रत्याशा लेकर जोर आजमाइश कर रहे थे। हालांकि जोर आजमाइश करने वाले (अब यहां उनका नाम लेने का कोई मतलब नहीं है)टिकटार्थियों के प्रयास बिल्ली के भाग्य से छीका टूटने या बुढ़िया मरे तो खटिया मिले से अधिक नहीं थे। डॉ महेश शर्मा के समर्थकों में टिकट की घोषणा होते ही उत्साह की लहर दौड़ गई है।क्या डॉ महेश शर्मा सर्वाधिक लोकप्रिय प्रत्याशी हैं? टिकट की घोषणा होने के साथ बिलासपुर कस्बे के वैश्य समाज से एक मित्र ने फोन कर गहरी निराशा जताई। उन्हें पार्टी के निर्णय को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी। उनकी आपत्ति दस वर्षों के सांसद की आम जनता से आत्मीयता स्थापित न होने को लेकर है। सांसद को लेकर ऐसी बातें अन्य क्षेत्रों से भी उठ रही हैं।लोग भाजपा को जिताने के लिए संकल्पित हैं परंतु सांसद से दूरी उन्हें चुभती है।साठ सत्तर किलोमीटर से चलकर आने वाले मतदाता की बात ध्यान से न सुनना और संतुष्टि भरा प्रतिउत्तर न मिलने से जनप्रतिनिधि के प्रति निराशा बढ़ती है। मित्र का कहना था कि प्रत्याशी नहीं प्रत्याशी के तौर तरीके को बदलने की जरूरत है।

राजेश बैरागी (वरिष्ठ पत्रकार , लेखक विचारक )

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