नोएडा
नोएडा सेक्टर 35 में अपना घर आश्रम:उनकी आंखों में है भविष्य की तलाश परंतु
राजेश बैरागी(वरिष्ठ पत्रकार)
नोएडा :इस अपना घर आश्रम को संचालित करने वाली प्रबंधन समिति में दो प्रकार के लोग शामिल हैं। कुछ ऐसे हैं जिन्हें सेवा कार्यों में व्यय होने वाले धन की कोई परवाह नहीं है। ऐसा नहीं है कि ऐसे लोग केवल धन से ही सेवा करते हैं। अपने हाथों से भी सेवा करने में ये पीछे नहीं हैं। दूसरे प्रकार के लोग इन निराश्रित, दुखी महिलाओं की सेवा के लिए समय की सीमा नहीं मानते। यहां खाना, बिस्तर और सेवा कार्यों पर प्रतिदिन लगभग सत्तर अस्सी हजार रुपए का खर्च आता है परंतु धनाढ्य सक्षम किंतु नर सेवा नारायण सेवा को जीवन का मूल मंत्र समझने वालों के चेहरे पर शिकन नहीं आती। अपने या बच्चों के जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर एक पूरे दिन का खाने का खर्च उठाने वालों की भी कमी नहीं है। भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष श्रीकांत शर्मा ने अपने निजी मानस हॉस्पिटल में दो बिस्तर प्रभुजियों की चिकित्सा सेवाओं के लिए हमेशा आरक्षित किए हुए हैं। आश्रम में भी चिकित्सक और दवाओं की पूरी व्यवस्था है। स्वच्छ जल, टॉयलेट बाथरूम, बिस्तर और प्रबंधन समिति के सदस्यों खासतौर पर शालू और बलराज गोयल का अपनापन भी है। फिर भी यह आश्रम एक खूबसूरत, सभी जीवनोपयोगी सुविधाओं से सुसज्जित जेल ही क्यों है? यह प्रश्न यहां निवास करने वाली प्रत्येक प्रभुजी की आंखों में पढ़ा जा सकता है जो अपने घर, अपने परिजनों को फिर से पाना चाहती हैं परंतु परमात्मा की कृपा ही ऐसी है कि इन्हें कुछ याद नहीं है,
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