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लोक सभा- 2024

लोकसभा चुनाव 2024- जाओ भाई चुनाव बाद आना

राजेश बैरागी( वरिष्ठ पत्रकार)
चतुर राजनेता जनता के मुद्दों से कैसे बाईपास लेते हैं, यह कोई नई बात नहीं है। परंतु यहां मामला राजपूत समाज के विरोध का है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐन चुनाव के समय राजपूत समाज की नाराज़गी भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है। ठाकुर बिरादरी के लोगों को प्रत्याशी न बनाने और वी के सिंह सरीखे नेताओं को टिकट न देने से ठाकुर समाज कथित तौर पर उबाल खा रहा है। कथित तौर पर इसलिए कि बिरादरी के सम्मान का मुद्दा बनाने वाले लगभग सभी ठाकुर नेताओं का कोई जनाधार नहीं है। मौका देखकर ये लोग अपनी पहचान बनाने और सत्तारूढ़ पार्टी से अपनी निकटता बढ़ाने का प्रयास करते ही दिखाई देते हैं। इसके विपरीत पूर्वांचल में ठाकुर बिरादरी में भाजपा को लेकर कोई आक्रोश होने की जानकारी नहीं मिली है। फिर भी किसी भी नुकसान से बचने के लिए भाजपा नेतृत्व सक्रिय हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो स्वयं ठाकुर बिरादरी से हैं, उन्होंने मोर्चा संभाल लिया है। गुरुवार को उन्होंने गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और हापुड़ में फैले साठा चौरासी के ठाकुरों को साधने के लिए पिलखुवा में जनसभा की। मुख्यमंत्री ने भाषण में बहुत सी बातें कहीं। राज्य में कानून व्यवस्था से लेकर एक वर्ग विशेष के अपराधियों को समाप्त करने तक की बातें।लोग उन्हें वास्तव में सुनने आते हैं और उनके बेलाग लपेट के सीधे आक्रामक अंदाज से निहाल हो जाते हैं। यहीं उन्होंने राजपूत बिरादरी के कथित ठेकेदारों के द्वारा किए जा रहे विरोध को चुटकी में उड़ा दिया। उन्होंने कहा, चुनाव के समय बहुत से लोग आते हैं। क्षेत्र की,समाज की बात करते हैं। ऐसे लोगों को कह देना कि जाओ भाई चुनाव बाद आना। मुख्यमंत्री के इस सूत्र वाक्य के बाद ठाकुर बिरादरी के विरोध के बहाने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले कथित राजपूत नेताओं के लिए क्या बचा है। मुझे जानकारी मिल रही है कि 26 अप्रैल से पहले एक बार और ये नेतागण अपनी कोशिशों को आजमाने की योजना बना रहे हैं,
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