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साहित्य उपवन

कवित्री सीमा शर्मा को हमराही समादर साहित्य प्रकोष्ठ ने सर्वश्रेष्ठ सम्मान से नवाजा 

दनकौर :पिछले दिनों फेसबुक ग्रुप पर हमराही समादरऔर साहित्य प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित चित्रधारित रचना प्रतियोगिता के अंतर्गत हमराही समादर साहित्य परिवार के जिन सदस्यों की रचनाएं पटल पर प्रकाशित हुई निसंदेह सभी ने अपनी गंभीर सोच भाव और अभिव्यक्ति के धरातल पर बहुत ही सुंदर व सशक्त ढंग से सर्जन करते हुए अपने श्रेष्ठ रचनाधर्मिता का निर्वाह किया ,

जिसमें दनकौर निवासी शिक्षक कवित्री सीमा शर्मा को सर्वश्रेष्ठ चुना गया यह कविता साहित्य के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती रही है जिससे जनता का भी इनके प्रति काफी लगाव रहा है इनको मिले सम्मान से सभी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए इनको बधाइयां दी , इनके द्वारा रचित चित्रधारित रचना जिसके लिए इनको सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा गया नीचे दी गई है ।

नमन मंच हमराही समादर

हमराही

चित्र काव्य –

सूनी सूनी दीख रही हैं जो आंखे
उम्मीदों से भरी हुई हैं वो आंखे
आभावों से ग्रस्त भले ही है बचपन
पर भावों से भरी हुई हैं वो आंखे

घोर गरीबी के घर में जो खोली थीं
अरमानों से भरी हुई हैं वो आँखे
फ़टी हुई गुदड़ी में बेशक लिपटा तन
बस्ते के सपनों में खोयी वो आंखे

में भी पढ़ने जायूँ माँ ऎसा कहकर
शायद घन्टों रोकर आयी हों आँखे
कूड़े में से स्वर्ण खोजने वालों की
समता का अधिकार खोजती वो आंखे

सबका साथ ,विकास और विश्वास कहाँ
कहाँ हमारी आस खोजती दो आँखे
भोला है बचपन पर अगणित प्रश्न लिए
लेकर टेक खड़ी हैं आतुर दो आँखे

यक्ष प्रश्न हैं उत्तर कौन युधिष्ठिर देगा
सरवर तीर खड़ी हैं प्यासी पथराई सी दो आंखें
सीमा शर्मा स्वरचित एवं मौलिक,

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