[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
साहित्य उपवन

सनातन हेतु मुर्दो की भीड़ में भदरी राजघराने का जीवन्त संघर्ष-दिव्य अग्रवाल 

सनातनी समाज अपनी आस्था, मान्यता व धर्म को सुरक्षित करने हेतु सदैव ही संविधान का आश्रय लेता आया है परन्तु शसक्त पैरोकारी व समर्थ संरक्षण के अभाव में या तो विजय प्राप्त नही होती अथवा सत्य को प्रमाणित करने में ही सनातनी समाज को दशकों तक प्रयत्न करना पड़ता है । यही परिणाम ज्ञानवापी गौरी श्रंगार वाद में देखने को मिल रहा है जिसमें सत्य सार्वजनिक रूप से प्रमाणित भी हो रहा है और प्रकाशित भी परन्तु सनातनी समाज को न तो महादेव के शिवलिंग की पूजा का अधिकार प्राप्त हो रहा है न ही सनातनी परम्पराओ को संरक्षण मिल पा रहा है।

अतः इस विषम परिस्थिति में एक बार पुनः भदरी राजघराने ने सनातनी समाज के सम्मान व धर्म रक्षा का दायित्व अपने वृद्ध परन्तु शसक्त व सामर्थवान कंधों पर उठा लिया है । पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग शायद कम ही जानते होंगे कि भदरी रियासत के राजा व कुंडा विधायक राजा रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के पिता जी बड़े महाराज उदय प्रताप सिंह जी ने श्री राम जन्म भूमि आंदोलन से लेकर , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ , विश्व हिंदू परिषद जैसे असंख्य संगठनों को आर्थिक मदद से लेकर संरक्षण देने तक प्रत्येक स्तर पर हर सम्भव सहायता प्रदान की है। जिस समय हिन्दू संगठनों की चर्चा करने भर पर लोगो को कारावास देखनी पड़ जाती थी उस समय भदरी के बड़े महाराज ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व आदि संगठनों तक के कार्यालय तक अपनी जमीन व धन देकर क्रियान्वित करवाये थे।

अब ज्ञानवापी वाद की बागडोर अपने हाथ मे लेकर एक व्रद्ध व्यक्ति राज घराने के वास्तविक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं जो निश्चित ही सनातनी समाज व अन्य राजघरानो हेतु प्रेरणा का विषय है । बड़े महाराज के नेतृत्व व संरक्षण में 50 से अधिक अधिवक्ताओं का समूह हाई कोर्ट में भी उपस्थित रहेगा व लगभग इतनी ही संख्या का उच्च श्रेणी के अधिवक्ताओं का समूह सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी करेगा । निश्चित ही यदि सनातनी समाज को मजबूत व्यवस्थाओं का साथ मिल जाये तो सत्य को प्रमाणित करने में मार्ग कुछ सुगम व सरल हो जाता है। आज सनातनी युवा पीढ़ी धर्म के मार्ग को अपनाती तो है परन्तु व्यक्तिगत लोभ व राजनीति के लक्ष्य प्राप्ति पर इस मार्ग का समापन कर देती है ।

वास्तव में सनातन समाज हेतु इससे दुर्भाग्यपूर्ण ओर क्या होगा कि जिन महादेव की कृपा से इस पूरे ब्रह्मांड का अस्तित्व है उनके सम्मान की लड़ाई भी राजनीति व दिखावे तक ही सिमट कर रह गयी है। आशा है कि भदरी रियासत के सनातन के प्रति निस्वार्थ समर्पण से शायद कुछ अन्य प्रभावशाली लोग भी धर्म के मार्ग का चयन अवश्य करेंगे ।

Show More

Related Articles

Close