[ia_covid19 type="table" loop="5" theme="dark" area="IN" title="India"]
एक रूपया व एक ईटसाहित्य उपवन

एक ईट व एक रूपया- अग्र वैश्य समाज के महान नायक महाराजा अग्रसेन जी की वंदना , भाग 1

अग्र वैश्य समाज के महान नायक महाराजा अग्रसेन जी व संपूर्ण अग्र वैश्य समाज को समर्पित Global News24x7 अग्रसेन महाराज जी की वंदना के साथ एक ईट व एक रूपया नामक एक श्रृंखला चालू करने जा रही है।

अग्रवंश के हे उद्रगाता,तुमको है शत बार नमन |अग्रसेन! तेरे चरणों में ,अर्पित तन, मन ,धन, जीवन ||

तुम ने वैश्य को नयी दृष्टि दी,नूतन नव – परिवेश दिया एक रुपया और एक ईट का, सबको शुभ संदेश दिया ||

अग्रोहा को राज्य बनाया, करते सदा प्रजा चिंतन |तुमको है शत बार नमन ,तुमको है शत बार नमन ||

सत्य ,अहिंसा और प्रेम का जग को नव संदेश दिया | समाजवाद है महान धरा पर ,ऐसा शुभ संदेश दिया ||पौरुष से इतिहास बनाया, वैश्य जाति का कर चिंतन|तुमको है शत बार नमन ,तुमको है शत बार नमन ||

होम कर दिया सारा जीवन ,राष्ट्र -यज्ञ में समिधा बन |मौन – तपस्वी, वीरव्रती, आलोक दे गये बन दिनकर ||हम किरणें हैं तेरे तेज की ,चमका देंगे धरा गगन |तुमको है शत बार नमन, तुमको है शत बार नमन ||

मानवता का संदेश तुम्हारा ,घर – घर में पहुंचायेंगे |जय अग्रसेन ,जय अग्रोहा, घर-घर में दीप जलायेंगे ||जय वैश्य जाति,जय अग्रसेन तुमको है शत बार नमन अग्रवंश के हे उद्रगाता, तुमको है शत बार नमन ||

तुमको है शत बार नमन ,तुमको है शत बार नमन |अग्रवंश के हे उद्रगाता , तुमको है शत बार नमन ||

 

हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करें 8006251800 या क्लिक करें:- एक रूपया व एक ईंट ग्रुप

Show More

Related Articles

Close