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अपराध

सपा नेता अदनान खान ने खुलेआम हिंदुओं को दी धमकी,आने दो अखिलेश भैया को, हिंदू महिलाओं का किया अपमान

महिलाओं के प्रति अदनान खान के बयान की गंभीरता को समझना है आवश्यक -दिव्य अग्रवाल

अदनान खान ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “हिन्दुओं अपनी औकात में रहो, कल बसखारी में भरत मिलाप में जो चिल्ला-चिल्ला के उड़ रहे हो, लाउडस्पीकर साउंड लगाकर, आने दो अखिलेश भैया को, सब अंदर हो जाएगा। तब योगी घंटी बजाएगा। हिन्दू औरतें हमारी हराम का हिस्सा थीं, हमारी दास थीं, जानवरों को पूजने वाले, जानवर रहेगा।”

अदनान खान सपा यूथ विंग टांडा विधानसभा के अध्यक्ष हैं । उन्होंने अपने एक बयान में धर्म के आधार पर लोगो को न केवल चेतावनी दी है अपितु अपनी कटरपंथी मानसिकता का परिचय देते हुए एक घिनौना बयान दिया है । जिसमे उन्होंने हिन्दू महिलाओं को हरम की दासी बताया था । इस बयान पर उत्तर प्रदेश के बहुसंख्यक लोगो मे रोष भी है । बहूत सारी राजनीतिक पार्टियां अदनान खान के सहारे सपा पर भी निशाना साध रही हैं । क्या वास्तव में अदनान खान के बयान का कोई संबंध सपा से है, नही शायद बिल्कुल नही । क्योंकि अदनान खान का बयान कोई राजनीतिक दल का नही अपितु कट्टरपंथी मानसिकता व जिहादी शिक्षा का है । हाँ ये सच है कि कुछ वर्ष मुगलों ने अमानवीय रूप से आक्रांता की तरह इस देश पर राज किया था एवम अदनान खान जो आज कह रहे हैं वो स्थिति बाकी धर्म की महिलाओं की हुआ करती थी ।

कट्टरपंथियों ने महिलाओं के साथ अत्यंत दुर्व्यवहार किया था जिसके सम्बन्ध में इतिहास आज भी खून के आँशु रोता हुआ दिखाई पड़ता है परन्तु विचारणीय विषय यह है । अदनान खान जो युवा है जिनका जीवन व्यापन आधुनिकता के युग मे हो रहा है। उनके मस्तिष्क में धर्म के आधार पर आज भी यदि इस तरह की घिनोनी , आतातायी , आक्रांताओं व कटरपंथी वाले विचार है। तो ये विचार एवम शिक्षा उन्हें कहाँ से प्राप्त हो रही है । इस बयान का केवल राजनीतिक अर्थ निकालना ही पर्याप्त नही है । अपितु इस बयान से उन सभी घटनाओं के सम्बंध भी देखने चाहिए जिसके तहत मतांतरण , धर्मांतरण , लव जिहाद , जमीन जिहाद जैसी घटनाएं चरम स्तर पर पायी जा रही है । जिसके निमित योगी सरकार की सजगता के साथ साथ प्रासाशन भी पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है । यदि अदनान खान के बयान की मानसिकता को समझना है तो माल ऐ गनीमत शब्द के विस्तृत अर्थ को भी समझना होगा । जो कि कटरपंथी शिक्षा का ही एक शब्द है । समाज एवम धर्म गुरुओं से अपील है कि कटरपंथी शिक्षा को त्वरित रूप से प्रतिबंधित करवाना चाहिए । जिससे मानवता , सहिष्णुता , राष्ट्र आदि की सुरक्षा यथसम्भव की जा सके ।

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