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धर्म

क्या भविष्य में बिना अनुमति हिंदुस्तान में यज्ञ ,कीर्तन व दीपोत्सव सम्भव होगा

क्या भविष्य में बिना अनुमति हिंदुस्तान में यज्ञ ,कीर्तन व दीपोत्सव सम्भव होगा - दिव्य अग्रवाल

जिस तरह बुद्धिजीवी हिन्दू जिन्हें वामपंथी भी कहा जा सकता है । जिहादी मानसिकता से प्रेरित होकर वायु प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण आदि के नाम पर हिन्दू त्योहारों को जिम्मेदार ठहराते आ रहे हैं । यदि यही सब चलता रहा तो शायद वो दिन दूर नही होगा जब घर का दीपक , यज्ञ हवन , कीर्तन व भजन करने के लिए भी सरकारों / न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ेगी ।

दिव्य अग्रवाल
दिव्य अग्रवाल

होली पर पानी की बर्बादी होती है पर जानवरो के खून से कोई आपत्ति नही , पटाखों की आवाज से आपत्ति है परन्तु बड़े बड़े लाउडस्पीकरों की आवाज से नही , शिवलिंग पर अर्पित दूध से बर्बादी होती है परन्तु मकबरों व मजारों पर चढ़ी चद्दर से कोई आपत्ति नही । ये किस हिंदुस्तान का निर्माण हो रहा है जहाँ कुछ कटरपंथी लोग इस समाज मे इस्लामिक व गैरइस्लामिक/काफ़िर की मानसिकता को प्रसारित करने के बाद भी समाज में दया का पात्र बन हुए हैं। यदि हिंदुस्तान में दीपावली , होली , शिवरात्रि नही बन सकती तो ,मुस्लिम देशों व भारत मे अंतर ही क्या रहेगा। जिस तरह अंग्रेजो से पहले मुगल शासन काल मे हिन्दू समाज का भरपूर शोषण हुआ । उसी प्रकार से पुनः हिंदुस्तान के बहुसंख्यक हिन्दू समाज अपने त्योहारों , मान्यताओं , उत्सव आदि को लेकर लगातार समझौता करता आ रहा है एवम वामपंथियों व जिहादियों का गठजोड़ निरन्तर सनातन परम्पराओ को लोकतंत्र के अधिकार के नाम पर निशाना बना रहा है । आज भले ही सभ्य समाज इन षड्यंत्रों को नजर अंदाज कर रहा है। परन्तु भविष्य में ये सब प्रपंच एवम घटनाएं मानवता व सहिष्णुता के लिए निश्चित ही घातक साबित होने वाली हैं।

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