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दवा के नियमित सेवन से टीबी का उपचार संभव : सीएमओ 

टीबी के लक्षण नजर आएं तो जाँच जरूर कराएं, दवा के साथ पोषक आहार का सेवन भी जरूर करें टीबी मरीज

बुलंदशहर,: देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने की मुहिम के तहत हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं वहीं सीएमओ और अन्य चिकित्सकों की ओर से लगातार संदेश दिया जा रहा है कि टीबी के लक्षणों को छिपाएं नहीं बल्कि लक्षण नजर आएं तो तुरंत जांच जरूर कराएं। जाँच की सुविधा स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया दवा के नियमित सेवन से टीवी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

डा. विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद में फिलहाल 3036 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जबकि जनपद में निक्षय मित्रों ने 1437 टीबी मरीज़ों को  गोद लिया है। इसके साथ ही टीबी मरीजों को नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, पोषक आहार प्रदान करते हुए मनोबल बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी दिए जा रहे हैं।

 

जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ हेमंत रस्तोगी का कहना है कि दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी-बुखार आना, खांसते समय सीने में दर्द होना, बलगम में खून आना, कमजोरी एवं थकावट महसूस होना, भूख न लगना, लगातार वजन का कम होना, सोते समय अधिक पसीना आना आदि लक्षण हों तो टीबी की जाँच जरूर कराएं। हर माह की 15 तारीख को मनाये जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी की जाँच करायी जा सकती है। जाँच में टीबी की पुष्टि होने पर नियमित दवा सेवन के साथ खानपान का भी ख्याल रखें। भोजन में दालें, अनाज, घी, दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल,अंडा, मछली आदि शामिल करें। इससे दवा पूरा असर करेगी और टीबी से जल्दी मुक्त हो सकेंगे।

जनपद के पहासू ब्लाक के गांव कीरतपुर निवासी (कालू) ने बताया चार वर्ष पहले वह क्षय रोग से ग्रसित हो गए थे। लगातार खाँसी, बुखार आ रहा था तो डाक्टर ने टीबी की जाँच कराने के लिए कहा, लेकिन जाँच न कराकर वह इधर-उधर से दवा लेकर खाते रहे। कोई आराम न मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे, जहाँ पर उनकी टीबी की जाँच हुई। जाँच में टीबी की पुष्टि होते ही उनकी दवा शुरू कर दी गयी और यह भी बताया गया कि इसे नियमित खाना है । दवा बीच में बंद करने से स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके अलावा खानपान का भी पूरा ख्याल रखना है। खानपान के लिए इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये भी मिले, जिससे वह छह माह के इलाज में पूरी तरह स्वस्थ हो गए।

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

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