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बेमौसम बरसात से खेती को ज्यादा फायदाः प्रो. रवि प्रकाश
बलिया- इस समय तपती गर्मी में बेमौसम बर्षात होने से पशु ,पंछी ,मानव एवं खेतों में लगी फसलों एवं खाली पड़े खेतों के लिये भी काफी लाभदायक है। प्रसार्ड ट्रस्ट मल्हनी भाटपार रानी देवरिया के निदेशक प्रो. रवि प्रकाश मौर्य (सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक) ने बताया कि पूर्वी उ.प्र. में कई जगहों पर हल्की से भारी बर्षा होने से लतावर्गीय सब्जियों लौकी, कद्द्,नेनुआ, करेला,खीरा ,ककडी़,तथा अन्य मिर्च, भिण्डी ,टमाटर ,लोविया की फसलों के लिये बर्षा काफी लाभदायक है। परन्तु खरबूज व तरबूज की मिठास कम हो सकती है। उर्द व मूँग मे फली आ गयी है तो उसे लाभ होगा। गन्ना व मक्का की फसल के लिए बहुत ही लाभकारी है। मक्का में दाने ठीक से बनेगे।आधी तुफान से आम के फलों को गिरने की ज्यादा संम्भावना है। परन्तु आम के फलों को पकने के लिये सहायक है तथा फलों मे मिठास होगी। मौका मिलते ही खाली खेतों की गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। इससे मिट्टी मे छिपे हानिकारक कीट ,जीवाणु एवं खरपतवार धूप लगने से मर जायेंगे। यह जुताई खरीफ फसलों के लिये काफी लाभकारी होगा। धान की नर्सरी हेतु खेत की तैयारी करें साथ ही खरीफ में लगायी जाने वाली अन्य फसलों जैसे अरहर ,तिल, उर्द ,मूंग, कददू वर्गीय सब्जियों, टमाटर, बैगन, मिर्च आदि हेतु बीज, उर्वरक, एवं अन्य आवश्यक निवेशों की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। करोना का ध्यान रखे आपसी दूरी 1-2 मीटर बनाये रखें। कम से कम 30 सेकेन्ड तक साबून से हाथ धोये। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले। तथा किसान भाई मौसम की जानकारी हेतु रेडियो, डी.डी.किसान पर मौसम खबरें सुबह एवं शाम जरुर सुनते एवं देखते रहे। तथा समाचार पत्र पढ़ते रहे।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून समय से पहुंचने की संम्भावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत बरसात होने का पूर्वानुमान है।
रिपोर्ट- संजय राय